The 2 लाइन हौसला शायरी Diaries

क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते

पर सच तो यह है किखुद के सिवा कोई अपना नहीं होता        

जिस चीज का तुम्हे खौफ है उस चीज का हमें शौक है।

एहसान किसी का वो रखते नहीं मेरा भी चुका दिया

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रेत माफियाओं के हौसले बुलंद, नायब तहसीलदार को हड़काया, ट्रांसफर कराने की दी धमकी

अपने आप हौसले बुलंद शायरी में खुश रहना, और किसी से कोई उम्मीद ना करना!

जितना खाया था नमक मेरा, मेरे जख्मों पर लगा दिया

जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए शायरी

बस उसके बिना जिन्दगी काटने की आदत हो गई है

मगर हम जख्मों पे मुस्कुराहटों के पहरे रखते हैं

न खबर थी उन टुकड़ों को ही बिखेरे बैठेंगे हम

अच्छा नही अजीब हूँ मै बच्चा नही बद्तमीज हूँ मै

जख्म तो हम भी अपने दिल में तुमसे गहरे रखते हैं

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